गन्ने की फसल में पोक्का रोग मॉनसून की शुरुआत के साथ फैलता है और यह रुक-रुक कर होने वाली बारिश और धूप के कारण तेजी से बढ़ता है।

BY - Singh

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गन्ने की पत्तियों पर सफेद धब्बे, पत्तियां मुरझाकर काली पड़ जाती हैं, और पत्ती का ऊपरी भाग सड़कर गिर जाता है। इससे गन्ने का विकास प्रभावित होता है।

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पोक्का रोग के कारण गन्ने की पत्तियां मुड़कर चाबुक जैसी आकृति बना लेती हैं। इससे गन्ने की लंबाई नहीं बढ़ पाती और गन्ना टेढ़ा और बौना हो जाता है।

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कार्बेंडाजिम50 WP का 400 ग्राम को400 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति एकड़ छिड़काव करें। यह छिड़काव रोग के प्रथम लक्षण दिखाई देने पर करें।

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गन्ने के तना बेधक कीट जुलाई से अक्टूबर तक सक्रिय रहता है और गन्ने की फसल को हानि पहुंचाता है।

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सूंडी की पीठ पर05 बैंगनी रंग की धारियां होती हैं। प्रभावित पौधों की पोरियों पर छोटे-छोटे गोल छिद्र पाए जाते हैं और पत्तियां पीली हो जाती हैं।

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जून से सितंबर तक15 दिनों के अंतराल पर ट्राइकोग्रामा स्पीसीज1 ट्राइको कार्ड (20000 परजीवी अंडे) को गन्ने के खेत में लगाएं ताकि तना छेदक कीट की रोकथाम हो सके।

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संतुलित उर्वरक का प्रयोग करें, जल निकासी की उचित व्यवस्था करें, और गन्ने को गिरने से बचाने के लिए मिट्टी चढ़ाएं और बंधाई करें। 

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